DHAVAL MODI JD
Tuesday, 17 July 2018
3013
मुझे इतनी “फुर्सत” कहाँ कि मैँ तकदीर
का लिखा देखुँ ,
बस अपनी माँ की ”
मुस्कुराहट” देख कर समझ जाता हुँ
की “मेरी तकदीर” बुलँद है...
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