Wednesday, 28 September 2016

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*नाराज़ ना होना कभी यह सोचकर की काम मेरा और नाम किसी और का हो रहा है..*

*यहाँ सदियों से जलते तो "घी और रुई" है.,* *पर लोग कहते है की "दीया" जल रहा है..*

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